शनिवार, २४ फेब्रुवारी, २०२४

जब छोडा था जमाने को

 

जब छोडा था जमाने को

बात तुमको पाने की थी 

छोडा अब इस बात को भी 

तुमको पाना आसान नही 


तुम थी वो सपनो की राणी

जिसने तारे दिखलाए थे

छोडा अब इस बात को भी 

झूठी तो तेरी वानी थी


पत्थर वत्थर खाए हमने 

खाना तेरे हात का सपना था

खाना लगता अबभी प्यारा है

दिखता तेरा चेहरा अबभी है


तूम दिप जलाओ अॅांगन के 

कोमल मेरा ह्रद्य जला है

छोडा अब इस बात को भी 

सपना था वो बित चुका


गैरो को अपनाओ तुम 

मुरझाकर मेरा सपना तुम

छोडा अब इस बात को भी

कभी हम भी तुम्हारे अपने थे

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